लेखक:
शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
जन्म : 1935, आज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश)। शिक्षा : 1955 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में एम.ए.। 1958 से 1994 तक भारतीय डाक सेवा में तथा अन्य पदों पर कार्य। उर्दू तथा अंग्रेजी में 40 से अधिक किताबें प्रकाशित। साहित्येतिहास तथा साहित्यिक सिद्धांत में विशेष रुचि। हिन्दी में एक उपन्यास ‘कई चाँद थे सरे आस्माँ’ तथा आलोचना-ग्रन्थ ‘उर्दू का आरम्भिक काल’ विशेष रूप से चर्चित। अनेक लेखों के अनुवाद प्रकाशित। 1966 से 2005 तक उर्दू साहित्य को आधुनिक दिशा देनेवाली पत्रिका ‘शबख़ून’ के 299 अंकों का प्रकाशन। इसके माध्यम से अन्य भारतीय भाषाओं, विशेषकर हिन्दी की रचनाओं के उर्दू अनुवादों का प्रकाशन। अनेक देशी-विदेशी विश्वविद्यालयों में व्याख्यान। साहित्य की लगभग सभी विधाओं में महत्त्वपूर्ण कार्य। 1986 में ‘साहित्य अकादमी सम्मान’ तथा 1996 में मीर तक़ी मीर के काव्य पर विस्तृत आलोचना-ग्रंथ ‘शेर शोर अंगेज़’ के लिए ‘सरस्वती सम्मान’। सम्प्रति : इलाहाबाद में रहकर लेखन। सम्पर्क : 29-सी, न्याय मार्ग, इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)। |
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अकबर इलाहाबादी पर एक और नज़रशम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
मूल्य: $ 10.95
"अकबर इलाहाबादी : उपनिवेश-विरोध का व्यंग्यात्मक स्वर।" आगे... |
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उर्दू का आरम्भिक युगशम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
मूल्य: $ 10.95
"उर्दू की जड़ें, दिल्ली से दूर — एक इतिहास, जो केंद्र के बाहर खिल उठा।" आगे... |
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कब्जे जमाशम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
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"तीन सदीयों की कहानी—जहाँ समय मुड़ता है और दुनियाएँ टकराती हैं।" आगे... |
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सवार और दूसरी कहानियाँशम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी
मूल्य: $ 18.95
"जहाँ दिल्ली बोलती है, और इतिहास जीवन पाता है — फ़ारूकी की कहानियों के माध्यम से 18वीं सदी की भारत संस्कृति की पुनः खोज।" आगे... |